संविधान की कुंजी किसे कहा जाता है | Samvidhan ki kunji kise kaha jata hai


Samvidhan ki kunji kise kaha jata hai

क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान की कुंजी किसे कहा जाता है नहीं तो हम आर्टिकल में आपको बताएंगे।

भारतीय संविधान की कुंजी प्रस्तावना को कहा जाता है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना संक्षेप में संविधान के उद्देश्यों की दो तरह से व्याख्या करती है - एक, शासन की संरचना के बारे में और दूसरा, स्वतंत्र भारत में प्राप्त किए जाने वाले आदर्शों के बारे में। यही कारण है कि प्रस्तावना को संविधान की कुंजी माना जाता है।

अर्नेस्ट बार्कर ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना "संविधान की कुंजी" है। अर्नेस्ट बार्कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना के पाठ से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी लोकप्रिय पुस्तक, प्रिंसिपल्स ऑफ सोशल एंड पॉलिटिकल थ्योरी (1951) के उद्घाटन के समय इसे उद्धृत किया था।


हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्वसंपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को:

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,

विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,

प्रतिष्ठा और अवसर की समता

प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में

व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की

एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता

बढ़ाने के लिए

दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26-11-1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

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